बिदाई की थी घड़ी
द्वार पर डोली खड़ी
माँ की सिसकिया थमने का नाम न ले रही थी
बिटिया न जाने क्यों मंद मंद मुसक्या रही थी
माँ बोली -
बेटी कभी कोई गलत काम न करना
मेरे दूध की तुम लाज रखना
बिटिया बोली -
माँ, तुम चिंता न करना
जी अपना हलकान न करना
मै जिस घर में जाउगी
उस घर को स्वर्ग बना दूगी
जाहिर है कि घर वालो को
स्वर्गवासी बना दूगी...!!
Bahut khub likha hai janaab aapne, aaj kal ki bahuen yahi soch kar jaati hain apne pati ke ghar.
ReplyDeleteNice lines...liked it very much....!!
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